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afkap & kamla devi - mehek lyrics

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[intro: afkap]
celebrate this night with me
although it’s not the last time
there’s a fire inside of me
i wanna burn for you tonight
for you tonight सही में
या
या
या
सही में
सुनो
हाँ
या

[chorus: afkap]
मेरे सामने उठती लहर अभी
मेरे मन में उठते वहम अभी
जज़्बात मचाते कहर अभी
मेरे मन में थोड़ा सा ज़हर अभी
मुलाकात हुई मेरी भाई से भी
गाँव पसंद, अभी शहर नहीं
गाड़ियाँ और सैर अभी
तू बहुत तेज़, ज़रा ठहर अभी

[verse: afkap]
ग़लत बात यहाँ छेड़ नहीं
दिल दिमाग का मैल नहीं
मैं सोच में क़ैद और बेल नहीं
है चमड़ी मोटी, झेल अभी
चमड़ी मोटी झेल अभी
मेरे पैरों तले ज़मीन नहीं
तारों को उम्मीद नहीं
मेरे चैन को मिलती नींद नहीं
पतंग को मिलती ढील नहीं
मानो थम गया उड़ान ये भर के
बाँधी ये ज़ंजीर ख़ुदी
ये बादल भरते ईर्ष्या मन में
बातें करते चीलों की
मेरे सामने उठती लहर अभी
मैंने हाथ मिलाया गैरों से
वो बोले मुझको “तैर अभी”
संतुष्टि मेरे डूबने की?
हाँ, सुनी होगी चहक अभी
मेरे छोटे से बग़ीचे
पे हैं गड़ी नज़रें
फूलों ने भी खो दी मेरी महक अभी
मेरे मन में बढ़ता ज़हर अभी
मेरे मन में बढ़ता ज़हर अभी
ग़लत बात यहाँ छेड़ नहीं
दिल दिमाग का मैल नहीं
ग़लत बात यहाँ छेड़ नहीं
दिल दिमाग का मैल नहीं
है चमड़ी मोटी, झेल अभी
चमड़ी मोटी झेल अभी
चमड़ी मोटी झेल अभी
चमड़ी मोटी झेल अभी
चमड़ी मोटी झेल अभी
[bridge: kamla devi]
गाड़ तरी, गदेरी तरी
को रौली तरुलो
पहाड़ जनम मेरो
परदेस ल्हाई जूलो
परदेस में नौकरी करी
फिर पहाड़े ऊंलौ
आपण खेती बाड़ी
कार बार करूलो

[chorus: afkap]
मेरे सामने उठती लहर अभी
मेरे मन में उठते वहम अभी
जज़्बात मचाते कहर अभी
मेरे मन में थोड़ा सा ज़हर अभी
मुलाकात हुई मेरी भाई से भी
गाँव पसंद, अभी शहर नहीं
गाड़ियाँ और सैर अभी
तू बहुत तेज़, ज़रा ठहर अभी



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