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ajjay gosswami & sanjeev chaturvedi - mukammal lyrics

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मुक़म्मल (गीत)
भूला हूँ, सारा जहान।
बस याद हैं, तेरी आँखें।
ख़ाबों में भी, आजकल।
करता हूँ, तेरी ही बातें।
दिल, कह रहा।
तू जो मिला, दिलनशीन।
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी…
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी।
तू जो मिला, दिलनशीन…
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी।

सुना था, प्यार।
मुक़म्मल, नहीं होता।
बावजूद, इसके।
जब से मिले, तुम।
दूर हुआ, भ्रम।
हर एक, हर एक के।
जैसा, नहीं होता।
जहान में, आज भी।
कुछ लोग, ऐसे हैं।
जिनके लिए, प्यार ही है।
सब कुछ, पैसा नहीं होता।

मुक़म्मल हुई ज़िंदगी…
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी।
तू जो मिला, दिलनशीन…
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी।
खिलते हैं फूल, बागबान में। अक्सर, बहारों में।
छा जाती हैं, बदलियाँ।
सावन में, अक़्सर।
बरसातों में।
होती रहती, है।
ख़रीद, फ़रोख्त।
दुकानों पर, अक़्सर।
बाज़ारों, में।
बाक़ी न रही, शर्म।
आँखों में, अक़्सर।
इन्सानों, में।

मुक़म्मल हुई ज़िंदगी…
मुक़म्मल हुई ज़िंदगी।



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