anurag saikia - khwaab lyrics
Loading...
[intro]
डाल से टूटा एक परिंदे का सलोना आशियाँ
धूप ने लूटा नन्हे से एक गुलसिताँ को, साथिया
[pre+chorus]
सिसक रही हैं बारिशें
और जमी है धूल तेरी शाख़ों पे
[chorus]
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में
[verse 1]
ख़ामोशियाँ जो दिल को मेरे सहमाती हैं
वो दिल से कह जाती हैं
“तूफ़ाँ तो आकर चल दिए, सिहरन बाक़ी है
जो मन में रह जाती है”
[pre+chorus]
आँगन के सपनों से, छोटे से क़दमों से
रूठी है उड़ान तेरी आज तेरी पाँखों से
[chorus]
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में
एक ख़्वाब है टूटा कहीं तो आँखों में
मैं जोड़ता हूँ काँच बिखरे राहों में
Random Lyrics
- louis bertholin - fragments lyrics
- jazbaat - sawaal lyrics
- luke morris - my comfort zone lyrics
- honest john plain - sweet dreams lyrics
- tim toupet & almklausi - leuchtturm lyrics
- pet needs - get on the roof lyrics
- roy brown - hard times lyrics
- eli.vli - hot now lyrics
- monte duma - wind in my sails lyrics
- gracie binion - i miss you lyrics