bharat chauhan - ghar lyrics
Loading...
कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
जो तुम कदम रखोगे
तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
खुद को देख के चौकना नहीं
हाँ, चौकना नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
कोने में टूटा सा फूलदान, बिस्तर पे बिखरी किताबें
चादर की वो तीखी सी सिलवटें, यादों की चुभती दरारें
सोचा था कोई सवार देगा, ग़म में मुझे बहार देगा
तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं
सुना है वो गालों पे भंवर लिए
चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
फ़ासलों में तुम खो ना जाना
कभी तो भुले से तुम मेरे इस घर को महकाना
Random Lyrics
- lil helium voice - syön sun cs taidot lyrics
- chronic law - good name lyrics
- the sound that ends creation - storming area 51 with water guns lyrics
- likkle slave - hear dem lyrics
- xamã feat. rio santana - matrix lyrics
- gucci mane - snow lyrics
- vrsty - you & i lyrics
- jacknife - upper echelon (vip) lyrics
- ap2eks - rivne vechirnye lyrics
- dj sg - a worcester state of mind (the money hip hop) lyrics