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dizlaw - khayaal (romanized) lyrics

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[verse 1]
होके भी पास अब दूर
नज़रे ना जाने क्यों
डरती है कहने को
मेरा फितूर

ओठ अब सीले हैं क्यों
कहते हैं मैं या तू
ठहरे हैं जानने
तेरा जुनून

[hook]
तो सुन लो मेरी धड़कन
यूँ ऐसे चिल्लाए
तुम जो हो यहाँ तो
तेजी बढ़े जाए
खोलो अपने ओठ
और कह दो जो है दिल में दबा दबा दबा

गूंजे मेरे सिर में तेरी ही आवाज़े
धड़कनें यहाँ धुन कोई बनाए
सुनके ही मैं जानूं तेरे
ख़याल ख़याल ख़याल

[verse 2]
हाथ अब जुड़े हैं यूँ
जैसे कि मैं और तू
कहते लकीरे हैं
ना जाना दूर
पैरों से मिटती यूँ
दूरियाँ कहती तू
ओढ़ अपने पास और
कर जो है मंज़ूर

[hook]
तो सुन लो मेरी धड़कन
यूँ ऐसे चिल्लाए
तुम जो हो यहाँ तो
तेजी बढ़े जाए
खोलो अपने ओठ
और कह दो जो है दिल में दबा दबा दबा

गूंजे मेरे सिर में तेरी ही आवाज़े
धड़कनें यहाँ धुन कोई बनाए
सुनके ही मैं जानूं तेरे
ख़याल ख़याल ख़याल



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