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gourav ahuja - kayanaat lyrics

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[gaurav ahuja “kayanaat” के बोल]

[verse 1]
उलझन में है, ये दिल मेरा
किसी भारी सोच में तो है
डूबा हां डूबा
दिन में ही सपने देख रहा
कहता “वो कोई सपने से कम है क्या?”
कुछ तो अलग है इस हवा में
क्या ये दिन मेरा बन रहा है?
भागा फिरता था जिसके लिए मैं
वो तो पीछे ही मेरे खड़ा है
ना जाने ये क्या होने लगा है
क्या वो पास मेरे आ रही है?

[chorus]
जाना चाहता दूर उससे, अब नहीं
और ये कायनात भी हमें है मिला रही

[verse 2]
खो गया हूँ, क्या ही बताऊं?
खो गया हूँ, क्या ही बताऊं?
ये तेरी आवाज़ है जिस पर
फिदा मैं होता जा रहा हूँ
ये तेरी आँखें, और ये तेरी बातें
मेरी मुस्कुराहटों का कारण, और तू जीने की वजह बन रही
मेंने तेरे हवाले कर दिया है
जो भी मेरा है सब कुछ, अब से
[chorus]
जाना चाहता दूर तुझसे कभी नहीं
और ये कायनात भी हमें है मिला चुकी
और ये कायनात भी हमें है मिला चुकी



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