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hashvg - behtar lyrics

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मेरी आँखे थोड़ी नम जुबां ये लड़खड़ा रही
सामने खड़ी ये भीड़ मुझको कितना समझारी
आर पार का ये खेल इस जंग के मैदान में

लंगूर बने शेर फिरते हैं इस मैदान में
हलचल होनेवाली थोड़ी गड़बड़
सड़कर बैठो चाचा अब तुम घर पर
केह कर बेटा सबकी लुगा केहकर
तीखी है जुबान मेरी सोचु ना कुछ केहकर

मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर

मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर

ज्यादा तो मैं बोलू न
दूरबीन कतई सीधी रखी
एक नज़र मारी बस तसवीर तेरी खीची रखी
भाई तेरा ढीट सही दुनिया साली सगी नही
जिसकी खाज जितनी ज्यादा उसकी उतनी लगी पडी
कैसे कैसे खुमता है शेर देखो
करे करे सुननेवाले ढेर देखो
सेको सेको सारी अपनी आँखे सेको
किश्मत का खेल देखो भग्ग रहा अंधेर देखो
करो वाह वाही भाई खुद को खोता ना
कितने मिले बोले भाई हमसे होता ना
छोटे तुने समझा ना
सुकून में भी सोना ना
मिले जहां नीन्द जादूगर देखो बैठा वहाँ
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर

मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर

मैं जंगली शेर बेटे
तुम सारे बेर बेटे
मैं मारूगा एक धाड़
हो जाओगे ढेर बेटे
बातें बातों की तो आओ सारे लेन में
सीट बेल्ट बंध लो आप आ चुके हो plane में
जो भी करू बातें मेरी बातें लगे fire क्यों
रात भर मैं लिखता गाने बनता जारा शायर क्यों
खुली दोनो आँखे मेरी सबको हूँ मैं देखता
वीष पी के चले कलम जेहर हूँ मैं फेकता
कर ले खुद पे काबू बेटा खुद को तु सम्भाल ले
हम आये back game मैं अब राम का तु नाम ले
काफि ज्यादा बेहतर हम हमें तु तोड़ा जान ले
हम यमराज gang से हलक में हाथ देके
सीधा खीच लेते प्राण रे
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर

मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर
सोचु न कुछ केहकर
मैं थोड़ा तुम से हूँ बेहतर



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