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hesham abdul wahab & garima obrah - hui re lyrics

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[hesham abdul wahab “hui re” के बोल]

[verse 1]
तारा मेरा पूछ रहा
टूटे वो क्या तेरे यहाँ

[refrain]
मांगने को खड़ा, तू ना वहाँ
तू ना वहाँ, डूबे जाए
जैसे कारी गहराए, कारी गहराए
कारी गहराए जाए

[chorus]
हुई रे, कारी हुई रे
कारी के छोर पे भोर हुई रे
हुई रे, कारी हुई रे
कारी के छोर पे भोर हुई रे

[instrumental break]

[verse 2]
ये स्याही ऐसा कारा लिखे
भला ना दिखे, कारा लिखे
कारे से पुते हर खुले, हर खुले रोशनदान
ओ+हो, कारे में बस चला चले
बीते ये कारी, चाहा करे
भोर दिखाएगी, क्या लिखा तेरे लिए
[refrain]
धूप बरसा रहा, तू ना वहाँ
तू ना वहाँ, डूबे जाए
जैसे कारी गहराए, कारी गहराए
कारी गहराए जाए

[chorus]
हुई रे, कारी हुई रे
कारी के छोर पे भोर हुई रे
हुई रे, कारी हुई रे
कारी के छोर पे भोर हुई रे

[bridge]
तू बोले, पूरा हो, तारे की है तैयारी
तेरे ल‍ई टूट के रोशन अंतिम बारी
रेत में पाँव तेरे, ऊपर से मन भी भारी
डूबता जाए पर मन को है रेत प्यारी
रेत की भलाई ना चाहे तुझको खारी
तारा ये टूटेगा जब तू नज़रे उठा री
भोर की राह को तारा और तू थाके हैं
खारी ये, भारी ये और दोनों ही थाके हैं

[outro]
हुई रे



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