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lekhaksthan - chal ghar chale lyrics

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[chorus: wonnit]
चल घर चलें
चल घर चलें
हो गई देर तुझको और भरे गला
हुई देर अब बात टलें
चल घर चलें
चल घर चलें
आ चुकी हैं नई किरणें और सवेरा नया
चल दिलासों के तले

[verse 1: wonnit]
होते कुछ वादे जिनसे धक्का लगता है
पूरा हो जाना जिनका पक्का लगता है
सुकून में होते सब कुछ अपना लगता है
वही अपनापन फिर एक सपना लगता है
ऐसा होता है, ज़िंदगी है, छोड़ जाने देते अब
भूल ना पाए दिल्लगी में, खुद को ताने दे दे अब
उलटी सीधी हरकतों पे तू निशाना कसके हँस
मुस्कुराता जा सफर में तू बहाने लेके दस
क्या मालूम है सबसे ज़्यादा दुःख किसको होता है?
रख सीने पे हाथ और पूछ उसे क्या तू इकलौता है?
क्योंकि थक चुके हैं दोनों, चल अब होते हैं सुखी
छोड़ दिया समझाना दुनिया को, पर कहना तुझसे चाहता हूँ कि

[chorus: wonnit]
चल घर चलें
चल घर चलें
हो गई देर तुझको और भरे गला
हुई देर अब बात टलें
चल घर चलें
चल घर चलें
आ चुकी हैं नई किरणें और सवेरा नया
चल दिलासों के तले
[verse 2: trived]
खुद ही की तलाश में मैं बन गया आवारा
मिली मुझे सज़ा, तूने ख़्वाबों को जब मारा
थी उम्मीद ना ये मुलाक़ात होगी अब दोबारा
तो चल घर चलें, हूँ मैं बोहोत थका हारा
ख़यालों में क्यों डूबी, कुछ कह तू भी
तोड़ भी दे चुप्पी, अब क्यों सह तू रही?
तू नहीं बहरूपी, ना कर बातें बेतुकी
निभा सकती है बखूबी, ये तो तू भी जान चुकी
देरी की नहीं आने में, अब जल्दी तुझे जाने की
बातों को छुपाने के लिए चुनती नए बहाने भी
कर सकती सुधार, कब तक गलती को तू मानेगी
अब रोकूँ तुझे कैसे, तू भी सुनती है ज़माने की
कितनी खुदगर्ज़, तू झेल रही खुद दर्द
बचा कुछ हक़ या पार हुई कुछ हद
कैसी कशमकश, तू नहीं होती टस से मस
अब तो आ गया मुक़ाम, चलना घर नहीं बस में बस

[chorus: wonnit]
चल घर चलें
चल घर चलें
हो गई देर तुझको और भरे गला
हुई देर अब बात टलें
चल घर चलें
चल घर चलें
आ चुकी हैं नई किरणें और सवेरा नया
चल दिलासों के तले



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