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lekhaksthan - manzil lyrics

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[chorus: wonnit]
तेरी ओर, मेरी डोर
खुशियां तेरे लिए बनती गई कठोर
तेरा शोर, मेरा दौर
बढ़ चुके हम अलग मंजिलों की ओर

[verse 1: wonnit]
कभी कड़वा तो ये तीखा है
बोलने का कैसा तरीका है?
कहती प्यार ये फीका है
क्या बताऊं अब तुझसे ही सीखा है
मंचों पे नाटक में
उत्सुकता ये मुझको रहती हो
सच पता चला बड़ा घातक है
मुझसे अच्छा कर लेती वोह
देखी हैं मुस्कानें, अकेले में रो जाती जो
नाज़ुक सी वोह जाने, मिलने मुझसे रोज आती जो
भावुक होकर ना जाने कितने फूल ले जाती वोह
बैठा सोचूँ अब मैं, एक दिन फिर कहाँ खो जाती वोह

[chorus: wonnit]
तेरी ओर(तेरी ओर), मेरी डोर(मेरी डोर)
खुशियां तेरे लिए बनती गई कठोर(गई कठोर)
तेरा शोर(तेरा शोर), मेरा दौर(मेरा दौर)
बढ़ चुके हम अलग मंजिलों की ओर(मंजिलों की ओर)
तेरी ओर(तेरी ओर), मेरी डोर(मेरी डोर)
खुशियां तेरे लिए बनती गई कठोर(गई कठोर)
तेरा शोर(तेरा शोर), मेरा दौर(मेरा दौर)
बढ़ चुके हम अलग मंजिलों की ओर
[verse 2: trived]
एक और क़िस्सा तेरे बिन अब मुश्किल से गुज़रते दिन
एक और हिस्सा गया छीन, अब खुश दिल होना बोहोत कठिन
देखता हूँ मैं शीशा, नज़रें तेरी होती नहीं मुमकिन
उजड़ना था रिश्ता, कब से ही थी बंजर ये ज़मीन
मैंने देखे तुझमें बदलाव, होने लगी मुझे भनक
ढूंढे तू बहाने, मेरी बढ़ने लगी कसक
जिनसे होता लगाव, वही सीखा के जाते सबक
पर होगी नहीं बरसात तो दिखेगा कैसे धनक?
था मैं सुखा बढ़िया, बदला तूने मेरा क्यों नज़रिया?
थी तू सुख का ज़रिया, आख़िर बन गई दुःख का दरिया
दिलासों में बीती सदियां, तुझे बस दिखती कमियां
सुधारूं अब दिनचर्या, कब तक गिनूं टिक टिक घड़ियां
तू थोड़ा कम सोच, मन में रखना मत कोई बोझ
तू खुल के सब बोल, सही समय को क्यों रही खोज?
तू मुस्कुराती रहना, होगा मुझे क्यों अफ़सोस?
आए मंज़िल पाके होश, फिर मत देना खुद को दोष

[chorus: wonnit]
तेरी ओर(तेरी ओर), मेरी डोर(मेरी डोर)
खुशियां तेरे लिए बनती गई कठोर(गई कठोर)
तेरा शोर(तेरा शोर), मेरा दौर(मेरा दौर)
बढ़ चुके हम अलग मंजिलों की ओर(मंजिलों की ओर)
तेरी ओर(तेरी ओर), मेरी डोर(मेरी डोर)
खुशियां तेरे लिए बनती गई कठोर(गई कठोर)
तेरा शोर(तेरा शोर), मेरा दौर(मेरा दौर)
बढ़ चुके हम अलग मंजिलों की ओर



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