azlyrics.biz
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lok shayar - 5 saal lyrics

Loading...

कुर्सी पे निगाहे, गरीब है निशाना
बोलेंगे हमीं को विजयी बनाना
इलेक्शन में तो दारू भी बाटेंगे
फिर नही दिखेंगे पांच साल
इन्हे तो झोली में कैश को बढ़ाना
और तिजोरी में छुपाए खजाना
इनका तो काम है लोगो को बनाना
ताकि बना सके फिर सरकार

चौतरफा फैला ये कोहरा गहरा
चीखे आबाद प्रशासन बहरा
कोई करने वाला कोई सहने वाला
कोई सुनने वाला कोई कहने वाला
कोई जहर भरता कोई ढेर करता
कोई मेहर करता कोई करता पाप
सब अपनी धुन में गुम फिरते यहां
चेहरा है एक पर कई नकाब
होगा इंकलाब, इनके खिलाफ
आएगा सत्य का जलजला
जो घूस लेते पकड़े गए
बोलो उनको कितना मिला
झोली में रुकता सिर्फ उतना पैसा
जितने पर जिसका हक बना
गद्दारों को कफन मुबारक
हम सत्य पर हुए फना
कुर्सी पे निगाहे, गरीब है निशाना
बोलेंगे हमीं को विजयी बनाना
इलेक्शन में तो दारू भी बाटेंगे
फिर नही दिखेंगे पांच साल
इन्हे तो झोली में कैश को बढ़ाना
और तिजोरी में छुपाए खजाना
इनका तो काम है लोगो को बनाना
ताकि बना सके फिर सरकार

जेबे तो इनकी भरी है, अकल मगर ये खाली है
ना जाने देश लूट चले कितने विजय माल्या
कदम कदम पे काटे है, रोटी को पड़े लाले हैं
लातो के ये भूत ना बातो से मानने वाले है
राजनीति में सपेले है, कर्मचारी तो सांप है
इन्ही सपेले सापो के चंगुल में फसे आप है
वोट बैंक बनाने को खतम करते जात है
जितने पर पब्लिक को देते पीछे लात है
लानत है, ऐसे नेता पे
विक्रम नही ये बेताल है
चोर की दाढ़ी में तिनका होता
पर इनके सर पे चोरी के बाल है
उतरेगी खाल जो करोगे गद्दारी
जनता तुम पर पड़ेगी भारी
खतम करो भुखमरी बेरोजगारी
खतम करो भुखमरी बेरोजगारी
कुर्सी पे निगाहे, गरीब है निशाना
बोलेंगे हमीं को विजयी बनाना
इलेक्शन में तो दारू भी बाटेंगे
फिर नही दिखेंगे पांच साल
इन्हे तो झोली में कैश को बढ़ाना
और तिजोरी में छुपाए खजाना
इनका तो काम है लोगो को बनाना
ताकि बना सके फिर सरकार



Random Lyrics

HOT LYRICS

Loading...