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milliondieyoung - sapne lyrics

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[intro]

बिखरे पन्ने, बिखरी सियाही
मेरे काग़ज़ो पे
देखे सपने साथ तेरे, पर अब ख़ुद से कहते
दिल बेचारा ये आवारा क्यों है ज़िंदगी से

बिखरे पन्ने, बिखरी सियाही
मेरे काग़ज़ो पे
देखे सपने साथ तेरे, पर अब ख़ुद से कहते
दिल बेचारा ये आवारा क्यों है ज़िंदगी से
टूटा तारा दे सहारा माँझी रास्ता ढूँढे
[verse]
आज कल रहती नमी मेरे चेहरे पे
मैं सोता नहीं रात भर क्यों बेख़बर अंजाम से
बेसब्र अक्सर ही ये सोचता
क्या तू भी मुझे खोजती है ओरो कि परछाई मे

कलम से बहती सियाही बहते आसु बारिशों मैं
पता लगे ना जाना + जानी हम क्यों ख़ुद से रूठे
हंसी के पीछे पोछे असु मैंने ख़ुद के लिए
होती self respect वो उसको तुम क्यों ego कहते

नामसमझ तू ना समझा मुझे मैं अनजाना नहीं
बीते कल पिछले साल ख़ुद को सम्हाला भाई
i don’t care f+ck you sympathy
मैं ख़ुद से ख़ुश पर असी बातें करके मुझे दिल को बहलाना नहीं

[refrain]
बिखरे पन्ने, बिखरी सियाही
मेरे काग़ज़ो पे
देखे सपने साथ तेरे, पर अब ख़ुद से कहते
दिल बेचारा ये आवारा क्यों है ज़िंदगी से
woah woah woah wo

ऊँचे ये पर्वत यहाँ बहती हवाएँ
आखें भर आती जब यादें सताये
साथी जो साथ है वो साथ ना निभाये
टूटा परिंदा ये कैसे उड़ पाये
woah
उड़ने की बात तो दूर
ये चलेगा कैसे वो पर जिसके पीछे उड़ान भरी थी
वो साथी नहीं है
ये मौक़े पे धोके
जो हवा के झोके
भी उड़ने से रोके
ये रोते भुलक्कड़ है
क़ाफ़िला खोजे
इंसान एक पंछी ,ये पंछी भी खो गये
पास ही मैं दरिया उस दरिया मैं बह गये
यादें पुरानी वो लवज़ो से कह गये
चाहत के बादल बरसते जिस मौसम मे, बरसेंगे अब नहीं वो ख़ुद से भी कह गये
[pre+chorus]

रह गये + हम क्यूँ
तेरे बिन

[chorus]

बिखरे पन्ने, बिखरी सियाही
मेरे काग़ज़ो पे
देखे सपने साथ तेरे, पर अब ख़ुद से कहते
दिल बेचारा ये आवारा क्यों है ज़िंदगी से
टूटा तारा दे सहारा माँझी रास्ता ढूँढे

[outro]
आज कल रहती नमी मेरे चेहरे पे
मैं सोता नहीं रात भर क्यों बेख़बर अंजाम से
बेसब्र अक्सर ही ये सोचता
क्या तू भी मुझे खोजती है ओरो कि परछाई मे



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