
punit singh - jaate jaate - parinda part 2 lyrics
[punit singh “jaate jaate + parinda part 2” के बोल]
[intro]
कुछ तो है जो रह गया, तू कह चला, मैं सह गया
कुछ जो तेरी बातों में, मैं ख़ुद में ही ख़ुद से ढह गया
ना धाग ये टूटे, ना रंग ही छूटें, इक बार जो तुझमें बह चला
ना दर्द ही लूटे, ना अश्क ही छूटें, इक बार जो तुझमें बह चला
[chorus]
अब जाते+जाते, धीमे से मुझको पुकारे
जाते+जाते, बिन मुड़े आँसू बहाए
जाते+जाते, धीमे से मुझको पुकारे
जाते+जाते, बिन मुड़े आँसू बहाए
[verse 1]
ओझल भी तो नहीं होता मेरी निगाहों से तू
इक दिन मजबूर होगा मेरी आदतों से
रुत आएगी, रुत जाएगी, मुझे वहीं खड़ा पाएगा
ना इस जन्म तो उस जन्म, कहीं तो टकराएगा तू
[bridge]
aah+ha, aah
aah+ha, aah+ha
aah+ha, na+na+na
[verse 2]
तुझमें जीना ही तो आदत है, तुझपे मरने में जो राहत है
तेरा मिलना भी ज़रूरी है तो क्यूँ ऐसी ये दूरी है?
अब आजा, ओ, चिरैया, आकर इक पुकार दे
अब आजा, ओ, खेवैया, जीने की इक आस दे
[verse 3]
नया इक दौर, जहाँ हम होंगे, मेरे दुख जहाँ कम हों
मेहसूस कर रहा साथ वहाँ मैं, जैसे तेरे बगल खड़ा
तू मुस्काती, जो शाम कटे, ना रात ढले, ना वक्त चले
जब देखूँ कितना बेबस हूँ, ये अंग+अंग काँप जले
[bridge]
aah+ha
na+na+na, na+na
[verse 4]
कभी जुगनू है, कभी आँधी है, सुनसान सड़क, कोहरा भी है
जहाँ पर मैं ना पहुँच सकूँ, तू दिखता क्यूँ वहाँ ही है?
जहाँ भी है, जैसा भी है, क्यूँ मुझमें तू छूटा ही है?
याद नहीं आती मुझको, ये भी सच झूठा ही है
[bridge]
aah
na+na+na, na+na
[outro]
मैं तो परिंदा, तू आसमाँ है मेरा, मैं तो उड़ता फिरूँ तुझमें अकेला
oh+ho, ho+ho
परिंदा, तू आसमाँ है मेरा, मैं तो गाता फिरूँ तुझमें अकेला
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