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rain (india) & diya wadhwa - ret ke rang lyrics

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(verse 1: rain)
रेत के रंग हैं जितने
हिस्से ये दिल के आज होजायें
समाज के चोंचले सारे
दबोच के नोच लूं, आज होजाए

मेरे सामने वो चांदी सी धुंध
चार शब्द जो सुने, सब कहाँ खो जाये?
हाथों में तेरे मैं सीपियां रख दूं
खुल के आज जो तू रो जाए।

अलग आँखें वो लेके पहुंचा परदेस
चाय पे रुका था, पूछा एक औरत ने
“इतनी क्या खुशी?” i checked out the list:

सुबह को देखा मैं पानी का भेस
पेडों को चीरती, saw white rays
i saw an inked body, saw a fish race
i saw a pretty girl, she had burns on her face

दोनों कान ये भरे जाएं मेरे
शब्द नहीं, आवाज़ों से
आँखें मोंद लूं, दिखे बस पानी
कैद नहीं दरवाजों से

खोल के ये तन यहां नाचे फिरू
लज्जा से आज मेरा रिश्ता तूड़ा दे
खानदान मेरा सागर जंगलों में
मुझसे बोला फिर गा के सुना दे
रेत के रंग हैं जितने
हिस्से ये सिर के आज होजायें
समाज के चोंचले सारे
दबोच के नोच लूं, आज होजाए

मेरे सामने वो चांदी सी धुंध
चार शब्द जो सुने, सब कहाँ खो जाये?
हाथों में तेरे मैं सीपियां रख दूं
खुल के आज जो तू रो जाए।

सारा डर ये तेरा धुआं हो जाए
खुल के आज जो तू रो जाए

(verse 2: diya wadhwa)
दूर
बह जाऊं कहीं
पा लूं जो

नूर, तो
चढ़ जाए फितूर

दूर हो जाऊं
नील में सम जाऊं
बीच सागर, किनारे तक, पैरों से जाऊं

भीग भीग, आज गा के सुनाऊं
सारे जग को फिर से वही धुन!
दोनों कान ये भरें जाएं मेरे
उन भीगी हवाओं से
आँखें मोंद लूं, दिखे बस बारिश
लोग बिना परवानों के

आंधी पसीजे जो ओस की बूंदें
दिल का मेरे श्रृंगार करा दें
अपने मेरे सागर पर्वतों में
मुझसे बोले फिर गा के सुना दे

सीने में मेरे बहें लहरें ये रोज़
ख़तम करूं आज आज़ादी की खोज
कैद हुए जो मिली है खरोच
तू रुक जा न अब, उसे और न नोच!

पुकारे तुझे वो पहाड़ी, वो रेत है
जिसमें छुपा सोना
खो ना जाए बंजारे के दिल का वो
छोटा सा जो कोना

रेत के रंग हैं जितने
हिस्से ये सिर के आज होजायें
समाज के चोंचले सारे
दबोच के नोच लूं, आज होजाए

मेरे सामने वो चांदी सी धुंध
चार शब्द जो सुने, सब कहाँ खो जाये?
हाथों में तेरे मैं सीपियां रख दूं
खुल के आज जो तू रो जाए।
सारा डर ये तेरा धुआं हो जाए
खुल के आज जो तू रो जाए

(rain!)



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