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sandeep nath - hum sirf musafir hain lyrics

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[sandeep nath “hum sirf musafir hain” के बोल]

[verse 1]
हर पल ज़िन्दगी एक इम्तेहान है
इम्तेहान में हम दोनों का नाम है
वक़्त से मिलकर करे ज़िन्दगी नई साज़िशें
अपने बस में है के बस हम करें कोशिशें

[pre+chorus]
किसके हाथों में भला क़िस्मत की डोर है
मंज़िल का मालिक यहाँ पे कोई और है

[chorus]
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—

[instrumental break]

[verse 2]
आँखों में आँसू आते हैं अक्सर
पर वो बहते हैं बस दिल के अंदर
ग़म हो या ख़ुशियाँ, चलते जाना है
नहीं ख़बर अपना कहाँ ठिकाना है

[pre+chorus]
किसके हाथों में भला क़िस्मत की डोर है
मंज़िल का मालिक यहाँ पे कोई और है
[chorus]
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—

[verse 3]
एक जंग हर दिन यहाँ पे चलती है
हार+जीत हर पल यहाँ बदलती है
अग्नि+परीक्षा से गुज़र के जाना है
जल+जल के कुंदन सा बन जाना है

[pre+chorus]
किसके हाथों में भला क़िस्मत की डोर है
मंज़िल का मालिक यहाँ पे कोई और है

[chorus]
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—
हम सिर्फ़ मुसाफ़िर हैं, हम सिर्फ़ मुसाफ़िर—



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