sudhanwa vaid - ishq lyrics
ishq lyrics
[verse 1]
जब तुम्हें मिले कोई ऐसा जिसके आने से वक्त थम सा गया
उसकी बातें सोच के जिंदगी से तू था बचा
फिर जब आया समय अल्फाज़ थे लापता
बातें ज़ुबान पे तेरी पर करूं कैसे मैं बयान
रुकता नहीं कोई किसी के लिए बेवजाह
वजह भी दे दूं पर तुझे वो दिखेगी ना पता
[verse 2]
कभी कभी दुनिया ना देखे जो मुझमें है बात
में तो इश्क बरसा दूं, उससे लगती ना प्यास
कैसे तुझको भुला दूं, बिना जाने कुछ राज़
में तो सुनने को हूं पागल पर मिली ना आवाज़
क्या दूं खुदपे में ध्यान, बस पूछूं मैं भगवान
हुआ जो भी तूने किया शायद होगा कोई प्लान
जो भी दुख मिला था मैं सारा भुला दूं
सिर्फ सुख से ही बनता तेरे इश्क का मकान
[bridge]
उल्फत बस उससे करूं
जो मुझ में खुदको देखे
जो उल्फत को सबसे ऊपर रखे
[verse 3]
किस्मत मैं जो लिखा है वो होगा तू चाहे जो कहे
अब किस्मत लिखूं अपनी बिना किसी सहारे
बस दिल की सुनूं अब न कोई डर दिल में बचा रे
तू मेरी धुन थी अब मेरी धुन तुझे समाए
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