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sudhanwa vaid - rahmani lyrics

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[verse 1]
हर एक हर्फ़ जो मैंने पढ़ा है
तेरे ही तो ख़्वाब पे ये मैंने लिखा है
तू कभी रूठ भी जो जाये
मैंने पूरे वस्ल से तुझे सुना है

[pre+chorus]
कभी समझ तू आय, कभी समझ ना आय
जज़्बातों का खेल है कैसा नज़र तू ही बस आय
कशिश मैं डूबा जाये तेरा दिल भी लफ़्ज़ सुनाये
एक ज़मीन है रब की जिसमे तू और मैं ही समाये
प्यार कहूँ, इक़रार कहु, या दिल पे हुआ है वार कहूँ
इश्क़ बना है नशा वह जिसमे तन मन भीगा जाये
संगीत लफ़्ज़ बन जाये, जहां भी तू मिल जाये
लिखा तेरा ही नाम है मैंने अब ऊन्स तेरा मिल जाये

[chorus]
कह दे जो तूने ना कहा
वो लफ़्ज़ का ही तो है ये नशा
रहमानी तेरी है अदा
कोई शक्स कर ना सके हमे जुदा
कह दे जो तूने ना कहा
वो लफ़्ज़ का ही तो है ये नशा

[verse 2]
हर एक पल जो मैंने जिया है
तेरी ही तो याद पे ये मैंने सिया है
सर्दी की धुंध जो कभी बनी हो
आफ़ताब तेरी ही ये फ़िज़ा है
[pre+chorus]
कभी समझ तू आय, कभी समझ ना आय
जज़्बातों का खेल है कैसा नज़र तू ही बस आय
कशिश मैं डूबा जाये तेरा दिल भी लफ़्ज़ सुनाये
एक ज़मीन है रब की जिसमे तू और मैं ही समाये
प्यार कहूँ, इक़रार कहु, या दिल पे हुआ है वार कहूँ
इश्क़ बना है नशा वह जिसमे तन मन भीगा जाये
संगीत लफ़्ज़ बन जाये, जहां भी तू मिल जाये
लिखा तेरा ही नाम है मैंने अब ऊन्स तेरा मिल जाये

[chorus]
कह दे जो तूने ना कहा
वो लफ़्ज़ का ही तो है ये नशा
रहमानी तेरी है अदा
कोई शक्स कर ना सके हमे जुदा
कह दे जो तूने ना कहा
वो लफ़्ज़ का ही तो है ये नशा



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