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bhuvan bam & rekha bhardwaj – saazish lyrics

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[intro: bhuvan bam]
टूटा एक तारा गुम गया है बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ माँग लो, जो है मन में तुम्हारे
जानाँ, हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी

टूटा एक तारा गुम गया है बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ माँग लो, जो है मन में तुम्हारे
जानाँ, हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी

[chorus: bhuvan bam & rekha bhardwaj]
शायद ऐसा मौक़ा
मिले, ना मिले फिर, रह जाए अधूरी ख़्वाहिश
हो, क्या पता हो ये भी
सितारों की हमको मिलाने की कोई साज़िश

[instrumental+break]

[verse 1: rekha bhardwaj, bhuvan bam & both]
तू साथ अगर है तो काग़ज़ की कश्ती तैर जाएगी
तू नहीं तो ये कहानी ताश के पत्तों सी बिखर जाएगी
बज़्म में बीती जो रातें, अगले ही पल में बदल जाएँगी

रात के अँधेरे सन्नाटों में चुपके से कानों में लोरी की तरह
तेरी हर कहानी पे, नई या पुरानी पे, भरूँ हाँ में हाँ
मद्धम+मद्धम उतरता चंदा दे गया सहर
[chorus: bhuvan bam]
शायद ऐसा मौक़ा
मिले, ना मिले फिर, रह जाए अधूरी ख़्वाहिश
ओ, क्या पता हो ये भी
सितारों की हमको मिलाने की कोई साज़िश

[outro: bhuvan bam]
देखो ये कैसी रुत है, हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएँगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा, कर दोगी ना?
किसे था पता ले आएँगे यहाँ ये रस्ते सभी

देखो ये कैसी रुत है, हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएँगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा, कर दोगी ना?
किसे था पता ले आएँगे यहाँ ये रस्ते सभी



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