ishwar anand pandey – mausam hai lyrics
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माैसम है नैन लड़ाने का
इन नैनों में खो जाने का
दिल की जो भी ये दूरी हैं
इन दूरी को मिटाने का
क्यूं नैनों से तू वार करे
आ इक दूजे से प्यार करे
मेरे लब पे जो ख़ामोशी हैं
ख़ामोशी का शिकार करे
आ शब के इस अंधेरे में
इक दूजे को पिघलाते हैं
दुनिया की बदहोशी में
मदहोशी से घुल जाते हैं
सपनों की रातों में कहीं
संग तेरे मैं खो जाऊं
मौसम हैं नैन लड़ाने का
इन नैनों में खो जाने का
दिल की जो भी ये दूरी हैं
इन दूरी को मिटाने का
ज़ख्मों के ये जो साए हैं
दहलीज़ पे मेरे आए है
साथ मेरे गर तू है तो
हर ज़ख्मों में मुस्काए है
आ रूठा हूं मनाले तू
आ दिल से दिल मिलाने का
मौसम है नैन लड़ाने का
इन नैनों में खो जाने का
दिल की जो भी ये दूरी हैं
इन दूरी को मिटाने का
क्यूं नैनों से तू वार करे
आ इक दूजे से प्यार करे
मेरे लब पे जो ख़ामोशी हैं
ख़ामोशी का शिकार करे
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